णमोकार मन्त्र किसी जाती विशेष या समुदाय का मन्त्र नहीं है यह बहुजन हिताय ,बहुजन सुखाय है इसमें कोई
ऐसी बात नहीं हैजो किसी व्यक्ति या समुदाय विशेष के हित में हो =प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी मजहब से सम्बन्ध रखता हो इसका जाप -पाठ करके लाभान्वित हो सकता है /अरिहंताणाम अर्थात हम उनको नमस्कार कर रहे है जिन्होंने अपने शत्रुओं का नाश कर दिया है आप जानते हैं की मनुष्य के शत्रु काम क्रोध लोभ मद ,अंहकार है इनके नाश करने या इन पर वियज प्राप्त करने वाला पूजनीय है ही हम इनको नमस्कार करते है तो ये किसी सम्प्रदाय से ताल्लुक नहीं रखता है
Wednesday, November 19, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
aapka prayass bahut achchaa hai isee prakar likhte rahen
आपका स्वागत है !
PS: pleae remove word verification.
मानव मात्र के भले से प्रेरित हो कर आपने इस मंत्र का अभिप्राय प्रकाशित किया है .
यह एक अच्छा प्रयास है .इसे जारी रखें.
कहीं कहीं मात्राओं की भूल सुधार लेंगे तो और भी अच्छा लगेगा .
Post a Comment