ये जीवन है दो पल का , ढिकाना है नहीं कल का
नरतन रतन है अनमोल
जीवन है पानी की बूंद कब मिट जावे रे
होनी अनहोनी कब क्या घाट जावे रे
नही ढिकाना
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